Thursday, December 29, 2011

कुछ तुम कहो कुछ मैं कहु |: एक वर्ष ने और विदा ली एक वर्ष आया फिर द्वार।

कुछ तुम कहो कुछ मैं कहु |: एक वर्ष ने और विदा ली एक वर्ष आया फिर द्वार।: एक वर्ष ने और विदा ली एक वर्ष आया फिर द्वार। गए वर्ष को अंक लगाकर नए वर्ष की कर मनुहार।आता है कुछ लेकर प्रतिदिन जाता है कुछ देकर बोध। मैं बै...

2 comments:

दिगम्बर नासवा said...

नव वर्ष की बहुत बहुत बधाई ...

Sanju said...

पोस्ट के अलावा टिप्पणी फार्म पर भी बहुत अच्छा..
मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है।
http://vicharbodh.blogspot.com

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