कभी हिम्मत ना हारना
मै जब जब लडखडाकर गिरता
मेरा खडे होकर फिरसे दौडना ना छूटता
क्योंकी...
मेरे पिछे पड गया था एक पागल कुत्ता
एक डोली और एक अर्थी आपस में टकरा गए इन्हें देख लोग घबरा गये ऊपर से आवाज़ आई ये कैसी बिदाई है लोगो ने कहा महबूब की डोली देखने यार की अर्थी आई है
Friday, December 3, 2010
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