इस ब्लॉग के जरिये में अपने दोस्तों को ये बताना चाहता हु की यहाँ पे में कविताओ का sangarh हिन्दी, उर्दू और हिन्दी में अनूदित काव्य के इस विशाल संकलन में आपका स्वागत है। यह एक खुली परियोजना है जिसके विकास में कोई भी भाग ले सकता है -आप भी! आपसे निवेदन है कि आप भी इस संकलन के परिवर्धन में सहायता करें। देखिये कविता कोश में आप किस तरह योगदान कर सकते हैं।
एक डोली और एक अर्थी आपस में टकरा गए इन्हें देख लोग घबरा गये ऊपर से आवाज़ आई ये कैसी बिदाई है लोगो ने कहा महबूब की डोली देखने यार की अर्थी आई है
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