Thursday, December 29, 2011

कुछ तुम कहो कुछ मैं कहु |: एक वर्ष ने और विदा ली एक वर्ष आया फिर द्वार।

कुछ तुम कहो कुछ मैं कहु |: एक वर्ष ने और विदा ली एक वर्ष आया फिर द्वार।: एक वर्ष ने और विदा ली एक वर्ष आया फिर द्वार। गए वर्ष को अंक लगाकर नए वर्ष की कर मनुहार।आता है कुछ लेकर प्रतिदिन जाता है कुछ देकर बोध। मैं बै...

Tuesday, December 27, 2011

आखिर कब फिरेंगे घूरे के दिन


आखिर कब फिरेंगे घूरे के दिन
मैं जानता हूं
जब मेरे किसी मित्र के
शुभागमन पर
अंदर से
पत्नी की कर्कश आवाज आती है
चाय ले लीजिए
तो उस आवाज में
कितनी कुढऩ होती है
उबली हुई चाय की पत्ती
जैसी कड़ुवाहट होती है
मैं समझ जाता हूं
कि आज फिर
उधार ली गई
चीनी की चाय बनी होगी
मैं देखता हूं
जब बच्चे
मिठाई खाने की जिद करते हैं
और मैं उन्हें
स्वाध्याय का महत्व समझाकर
कुछ पत्रिकाएं खरीद लाता हूं
तो उनकी आंखों में
कितनी निराशा होती है
अपने खुश्क होठों पर
जीभ फेर कर
वह फोटो देख और चुटकुले पढ़ते हुए
मुंह का बिगड़ा जायका बदलने लगते हैं।
मैं सोचता हूं
कि आखिर कब फिरेंगे घूरे के दिन
और कब पूरे होंगे बारह साल
दिनेश पारीक

Sunday, December 25, 2011

रामनाथ सिंह अदम गोंडवी के साथ हिंदी संस्थान लखनऊ में

रामनाथ सिंह अदम गोंडवी के साथ हिंदी संस्थान लखनऊ में


हिंदी संस्थान में श्री रामनाथ सिंह अदम गोंडवी के साथ कवि कैलाश निगम, श्री गजेन्द्र सिंह पूर्व विधायक, जवाहर कपूर, वाई.एस लोहित एडवोकेट












रामनाथ सिंह अदम गोंडवी को सम्मान पत्र देते हुए नवीन सेठ, पूर्व विधायक गजेन्द्र सिंह, जवाहर कपूर, वाई एस लोहित







डॉ रामगोपाल वर्मा, बृजमोहन वर्मा , रणधीर सिंह सुमन सम्मान पत्र देते हुए रामनाथ सिंह अदम गोंडवी को








गजेन्द्र सिंह पूर्व विधायक व नवीन सेठ अंग वस्त्रं भेट करते हुए।






















नवीन सेठ श्री रामनाथ सिंह अदम गोंडवी के सम्मान में दो शब्द कहते हुए

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