एक डोली और एक अर्थी आपस में टकरा गए इन्हें देख लोग घबरा गये ऊपर से आवाज़ आई ये कैसी बिदाई है लोगो ने कहा महबूब की डोली देखने यार की अर्थी आई है
Subscribe to:
Posts (Atom)
Followers
kavitaye
-
►
2010
(89)
- ► 09/12 - 09/19 (30)
- ► 11/21 - 11/28 (55)
- ► 11/28 - 12/05 (1)
- ► 12/12 - 12/19 (1)
- ► 12/26 - 01/02 (2)
-
►
2011
(14)
- ► 01/30 - 02/06 (1)
- ► 02/06 - 02/13 (1)
- ► 02/13 - 02/20 (2)
- ► 03/06 - 03/13 (1)
- ► 03/20 - 03/27 (4)
- ► 07/17 - 07/24 (1)
- ► 10/16 - 10/23 (1)
- ► 12/25 - 01/01 (3)
-
►
2012
(7)
- ► 02/05 - 02/12 (1)
- ► 02/12 - 02/19 (1)
- ► 03/11 - 03/18 (1)
- ► 04/01 - 04/08 (1)
- ► 07/22 - 07/29 (1)
- ► 12/02 - 12/09 (2)
-
►
2013
(3)
- ► 02/10 - 02/17 (1)
- ► 12/29 - 01/05 (2)
Feedjit
Blog: |
मेरी कविताओं का संग्रह |
Topics: |