एक डोली और एक अर्थी आपस में टकरा गए इन्हें देख लोग घबरा गये ऊपर से आवाज़ आई ये कैसी बिदाई है लोगो ने कहा महबूब की डोली देखने यार की अर्थी आई है
Thursday, March 15, 2012
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Followers
kavitaye
-
►
2009
(1)
- ► 12/27 - 01/03 (1)
-
►
2010
(89)
- ► 09/12 - 09/19 (30)
- ► 11/21 - 11/28 (55)
- ► 11/28 - 12/05 (1)
- ► 12/12 - 12/19 (1)
- ► 12/26 - 01/02 (2)
-
►
2011
(14)
- ► 01/30 - 02/06 (1)
- ► 02/06 - 02/13 (1)
- ► 02/13 - 02/20 (2)
- ► 03/06 - 03/13 (1)
- ► 03/20 - 03/27 (4)
- ► 07/17 - 07/24 (1)
- ► 10/16 - 10/23 (1)
- ► 12/25 - 01/01 (3)
-
▼
2012
(7)
- ► 02/05 - 02/12 (1)
- ► 02/12 - 02/19 (1)
- ▼ 03/11 - 03/18 (1)
- ► 04/01 - 04/08 (1)
- ► 07/22 - 07/29 (1)
- ► 12/02 - 12/09 (2)
-
►
2013
(3)
- ► 02/10 - 02/17 (1)
- ► 12/29 - 01/05 (2)
Feedjit
Blog: |
मेरी कविताओं का संग्रह |
Topics: |
1 comment:
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
Post a Comment