बेमुरव्वत है मगर दिलबर है वो मेरे लिए
हीरे जैसा कीमती पत्थर है वो मेरे लिए
हीरे जैसा कीमती पत्थर है वो मेरे लिए
हर दफा उठकर झुकी उसकी नज़र तो यों लगा
प्यार के पैग़ाम का मंज़र है वो मेरे लिए
प्यार के पैग़ाम का मंज़र है वो मेरे लिए
आईना उसने मेरा दरका दिया तो क्या हुआ
चाहतों का खूबसूरत घर है वो मेरे लिए
चाहतों का खूबसूरत घर है वो मेरे लिए
एक लम्हे के लिए खुदको भुलाया तो लगा
इस अंधेरी रात में रहबर है वो मेरे लिए
इस अंधेरी रात में रहबर है वो मेरे लिए
उसने तो मुझको जलाने की कसम खाई मगर
चिलचिलाती धूप में तरुवर है वो मेरे लिए
चिलचिलाती धूप में तरुवर है वो मेरे लिए
जिस्म छलनी कर दिया लेकिन मुझे लगता रहा
ज़िंदगी भर की दुआ का दर है वो मेरे लिए
ज़िंदगी भर की दुआ का दर है वो मेरे लिए
No comments:
Post a Comment